धूमकेतु
From जैनकोष
- एक ग्रह‒देखें - ग्रह।
- (ह.पु./४३/श्लोक) पूर्वभव में वरपुर का राजा वीरसेन था।१६३। वर्तमान भव में स्त्री वियोग के कारण अज्ञान तप करके देव हुआ।२२१। पूर्व वैर के कारण इसने प्रद्युम्न को चुराकर एक पर्वत की शिला के नीचे दबा दिया।२२२।