नकुल
From जैनकोष
(पा.पु./सर्ग/श्लोक)। मद्री रानी से राजा पाण्डु का पुत्र था। (८/१७४-१७५)। ताऊ भीष्म से तथा गुरु द्रोणाचार्य से धनुषविद्या प्राप्त की। (८/२०८-२१४)। (विशेष देखें - पाण्डव )। अन्त में अपना पूर्वभव सुन दीक्षा धारण कर ली। (२५/१२)। घोर तप किया (२५/१७-५१)। दुर्योधन के भानजे कुर्युधर द्वारा शत्रुंजयगिरि पर्वत पर घोर उपसर्ग सहा और सर्वार्थसिद्धि गये (२५/५२-१३९)। पूर्व भव नं.२ में यह धनश्री ब्राह्मणी था।(२३/८२)। और पूर्व भव नं.१ में अच्युतस्वर्ग में देव। (२२/११४)। वर्तमान भव में नकुल हुए। (२४/७७)।