सुरेंद्रमंयु
From जैनकोष
विनीता नगरी के राजा विजय का पुत्र । इसके दो पुत्र थे । इनमें वज्रबाहु बड़ा और पुरंदर छोटा था । वज्रबाहु के दीक्षित हो जाने पर इसके पिता और इसने भी निर्वाणघोष मुनि के पास दीक्षा ले ली थी । पद्मपुराण - 21.73-77,पद्मपुराण - 21.121-123, 138-139