अघातिया
From जैनकोष
जीव के उपयोग गुण के अघातक कर्म । ये चार होते हैं—वेदनीय, आयु, नाम और गोत्र । महापुराण 54.227-228 हरिवंशपुराण - 9.207-210 | देखें कर्म
जीव के उपयोग गुण के अघातक कर्म । ये चार होते हैं—वेदनीय, आयु, नाम और गोत्र । महापुराण 54.227-228 हरिवंशपुराण - 9.207-210 | देखें कर्म