अघोव्यतिक्रम
From जैनकोष
दिग्व्रत के पाँच अतिचारों में प्रथम अतिचार-लोभ के वशीभूत होकर नीचे जाने को ली हुई सीमा का उल्लंघन करना । हरिवंशपुराण - 58.177
दिग्व्रत के पाँच अतिचारों में प्रथम अतिचार-लोभ के वशीभूत होकर नीचे जाने को ली हुई सीमा का उल्लंघन करना । हरिवंशपुराण - 58.177