नारी
From जैनकोष
- स्त्री के अर्थ में–देखें - स्त्री।
- आर्य खण्ड भरत क्षेत्र की एक नदी– देखें - मनुष्य / ४ ।
- रम्यकक्षेत्र की एक प्रधान नदी– देखें - लोक / ३ / ११ ।
- रम्यक क्षेत्रस्थ एक कुण्ड जिसमें से नारी नदी निकलती है– देखें - लोक / ३ / १० ।
- उपरोक्त कुण्डकी स्वामिनी देवी– देखें - लोक / ३ / १० । नारीकूट―रा.वा. की अपेक्षा रुक्मि पर्वत का कूट है और ति.प. की अपेक्षा नील पर्वत का कूट है।– देखें - लोक / ५ / ४ /