अब्रह्म
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
तत्त्वार्थसूत्र अध्याय 7/16
मैथुनब्रह्म।
= मैथुन करना अब्रह्म है। ( तत्त्वार्थसार अधिकार 4/77)।
पुराणकोष से
ब्रह्म की विपरीत स्वभाववाली क्रिया, स्त्री-पुरुषों की मैथुनिक चेष्टा । हरिवंशपुराण - 58.132
तत्त्वार्थसूत्र अध्याय 7/16
मैथुनब्रह्म।
= मैथुन करना अब्रह्म है। ( तत्त्वार्थसार अधिकार 4/77)।
ब्रह्म की विपरीत स्वभाववाली क्रिया, स्त्री-पुरुषों की मैथुनिक चेष्टा । हरिवंशपुराण - 58.132