अवतारक्रिया
From जैनकोष
दीक्षान्वय क्रियाओं में प्रथम किया और गर्भान्वय की क्रियाओं में 38वीं क्रिया । मिथ्यात्वी पुरुष के समीचीन मार्ग की ओर सन्मुख होने पर उसका किसी धर्मोपदेशक से धर्म श्रवण कर तत्त्वज्ञान में अवतरित होना । महापुराण 38.60, 39.7-35