आत्मांजन
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
1. दक्षिण पूर्व विदेह में पूर्व से पश्चिम की ओर का एक वक्षार, उसका एक कूट व उसका रक्षक देव।
विशेष जानने हेतु देखें लोक - 5.3।
पुराणकोष से
पूर्व विदेह के चार वक्षारगिरियों मे (त्रिकूट, वैश्रवण, अंजन और आत्मांजन) एक वक्षारगिरि । हरिवंशपुराण - 5.229