आंतरंगतम
From जैनकोष
अर्धबर्बर देश के मयूरमाल नगर का राजा । इसके द्वारा युद्ध में लक्ष्मण को रथरहित कर दिये जाने पर राम ने इसकी सेना को छिन्न-भिन्न करके इसे परास्त कर दिया था । अंत में इसने राम से संधि की और कंदमूल फल आदि खाकर सह्य और विंध्य पर्वतों मे जीवन-यापन किया था । पद्मपुराण - 27.5-11, 78-88