इला
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
1. हिमवान् पर्वतका एक कूट व तन्निवासिनी देवी-देखें द्वीप पर्वतों आदि के नाम 5.4.
2. रुचक पर्वत निवासिनी दिक्कुमारी - देखें द्वीप पर्वतों आदि के नाम - 5.13।
पुराणकोष से
(1) भरतक्षेत्र के हिमवान् पर्वत पर स्थित ग्यारह फूटी में चौथा कूट । इसकी ऊँचाई पच्चीस योजन है । यह मूल में पच्चीस योजन, मध्य में पौने उन्नीस योजन और ऊपर साढ़े बाहर योजन विस्तृत है । महापुराण 59.118, हरिवंशपुराण - 5.52-56
(2) रुचकवर गिरि के लोहिताश्व कटू की देवी । हरिवंशपुराण - 5.712
(3) हरिवंशी राजा दक्ष की रानी । इसके ऐलेय नामक पुत्र और मनोहरी नाम की पुत्री हुई थी । राजा दक्ष अपनी इस पुत्री में आकृष्ट हुआ और उसने इसे स्वयं ग्रहण कर लिया था । इस कृत्य से रूष्ट हो यह पुत्र को लेकर एक दुर्गम स्थान में चली गयी थी । वहाँ इसने इलावर्द्धन नाम से प्रसिद्ध नगर बसाया था तथा पुत्र ऐलेय को उसका राजा बनाया था । हरिवंशपुराण - 17.1-19