कर्मस्थिति
From जैनकोष
अग्रायणीयपूर्व की पंचम वस्तु के बीस प्राभृतों में कर्मप्रकृति नाम के चौथे प्राभृत के चौबीस योगद्वारों में तेईसवाँ योगद्वार । हरिवंशपुराण - 10.957-86
अग्रायणीयपूर्व की पंचम वस्तु के बीस प्राभृतों में कर्मप्रकृति नाम के चौथे प्राभृत के चौबीस योगद्वारों में तेईसवाँ योगद्वार । हरिवंशपुराण - 10.957-86