गिरि
From जैनकोष
(1) लोभी बटुक । इसे और नैषिक ग्रामवासी इसके साथी गौभूति को राजा सूर्यदेव की रानी मतिप्रिया ने भात से ढककर स्वर्ण का दान किया या । यह जान लेने पर इसने लोभाकृष्ट होकर अपने साथी गोभूति को मार दिया और सारे स्वर्ण को स्वयं ले लिया था । पद्मपुराण - 55.57-59
(2) हरिवंशी राजा वसुगिरि का पुत्र । हरिवंशपुराण - 15.59
(3) अचल के सात पुत्रों में चौथा पुत्र । हरिवंशपुराण - 48.49