अनुदिश
From जैनकोष
राजवार्तिक अध्याय संख्या ४/१९,५/२२५/१ किमनुदिशमिति। प्रतिदिशमित्यर्थः।
= प्रश्न - अनुदिशसे क्या तात्पर्य है? उत्तर - अनुदिश अर्थात् प्रत्येक दिशामें वर्तमान विमान। अर्थात् जो प्रत्येक आठ दिशाओं में पाये जायें, वे अनुदिश हैं। क्योंकि अनुदिश विमान एक मथ्यमें है तथा दिशाओं व विदिशाओं में आठ हैं। अतः इन विमानों को अनुदिश कहते हैं। २. कल्पातीत स्वर्गों का एक भेद. - दे. स्वर्ग ५/२।