द्रव्यार्थिक-नय
From जैनकोष
वस्तु के किसी एक निश्चित स्वरूप का बोध कराने वाले नय के दो भेदों मे प्रथम भेद । नैगम, संग्रह और व्यवहार ये तीन इसके प्रभेद हैं । हरिवंशपुराण - 58.39-42
वस्तु के किसी एक निश्चित स्वरूप का बोध कराने वाले नय के दो भेदों मे प्रथम भेद । नैगम, संग्रह और व्यवहार ये तीन इसके प्रभेद हैं । हरिवंशपुराण - 58.39-42