प्रतिष्ठापना
From जैनकोष
पाँच समितियों में एक समिति । इसके पालन में प्रासुक (निर्जंतुक) स्थान पर शरीर के मल-मूत्र, कफ आदि का त्याग करना होता है । हरिवंशपुराण - 2.126, पांडवपुराण 9.95
पाँच समितियों में एक समिति । इसके पालन में प्रासुक (निर्जंतुक) स्थान पर शरीर के मल-मूत्र, कफ आदि का त्याग करना होता है । हरिवंशपुराण - 2.126, पांडवपुराण 9.95