मूलाचार
From जैनकोष
यत्याचार विषयक प्राकृत गाथाबद्ध ग्रन्थ है । डॉ. ए.एन. उपाध्याय के अनुसार यह एक संग्रह ग्रन्थ है और डॉ. नेमिचन्द के अनुसार स्वतन्त्र ग्रन्थ । इसमें कुल १२ अधिकार और १२५२ गाथायें हैं । रचयिता- आ. वट्टकेर । समय- कुन्दकुन्द के समकालीन वी. नि. ६५४-७०६ (ई. १२७-१७९) । (ती./२/११७-१२०) । इस पर दो वृत्तिया̐ उपलब्ध हैं-
- आ. वसुनन्दि (ई. १०६८-१११८) कृत (ती./३/२२३) ।
- आ. सकलकीर्ति (ई. १४२४) कृत मूलाचार प्रदीप । (ती./३/३३३) ।