मित्रक
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
पुन्नाटसंघ की गुर्वावली के अनुसार आप बलदेव के शिष्य तथा सिंहबल के गुरु थे –देखें इतिहास - 7.8।
पुराणकोष से
आचारांग के धारी लोहाचार्य के पश्चात् हुए बलदेव आचार्य क बाद एक आचार्य । हरिवंशपुराण - 66.26
पुन्नाटसंघ की गुर्वावली के अनुसार आप बलदेव के शिष्य तथा सिंहबल के गुरु थे –देखें इतिहास - 7.8।
आचारांग के धारी लोहाचार्य के पश्चात् हुए बलदेव आचार्य क बाद एक आचार्य । हरिवंशपुराण - 66.26