यतिवरवृषभ
From जैनकोष
प्र. सा./ता. वृ./७९/१००/१५ निजशुद्धात्मनि यत्नपरास्ते यतयस्तेषां वरा गणधरदेवादयस्तेभ्योऽपि वृषभः प्रधानो यतिवरवृषभस्तं यतिवरवृषभं। = निज शुद्धात्म में जो यत्नशील हैं वे यति हैं। उनमें जो वर - श्रेष्ठ हैं वे गणधर देव आदि हैं, उनमें भी जो प्रधान हैं यतिवरवृषभ कहलाते हैं।