वास्तुक्षेत्र-प्रामाणातिक्रम
From जैनकोष
परिग्रह-परिमाणव्रत का दूसरा अतीचार । यह गृह तथा क्षेत्र (खेत) के किये हुए प्रमाण का उल्लंघन करने से उत्पन्न होता है । हरिवंशपुराण - 58.176
परिग्रह-परिमाणव्रत का दूसरा अतीचार । यह गृह तथा क्षेत्र (खेत) के किये हुए प्रमाण का उल्लंघन करने से उत्पन्न होता है । हरिवंशपुराण - 58.176