रतिकर
From जैनकोष
नन्दीश्वर द्वीप की पूर्वादि चारों दिशाओं में चार-चार बावड़ियाँ हैं । प्रत्येक बावड़ी के दोनों बाहर वाले कोनों पर एक-एक ढोलाकार (Cylindrical) पर्वत है । लाल वर्ण का होने के कारण इनका नाम रतिकर है । इस प्रकार कुल ३२ रतिकर हैं । प्रत्येक के शीश पर एक एक जिनमन्दिर है - विशेष दे. लोक/४/५ ।