श्रीवृक्ष
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
- कुंडल पर्वतस्थ मणिकूट का स्वामी नागेंद्र देव - देखें लोक - 5.12;
- रुचक पर्वतस्थ एक कूट - देखें लोक - 5.13।
पुराणकोष से
(1) तीर्थंकरों के वक्षःस्थल पर रहने वाला श्रीवत्स-चिह्न । महापुराण 23.49
(2) राजा श्रीवर्द्धन का पुत्र । यह संजयंत का पिता था । पद्मपुराण - 21.49-50
(3) एक विद्याधर राजा । यह राम का भक्त था । पद्मपुराण - 61.13
(4) कुंडलगिरि के पश्चिम दिशावर्ती मणिकूट का निवासी एक देव । हरिवंशपुराण - 5.693
(5) कुंडलगिरि की पश्चिम दिशा का एक कूट । यह एक हजार योजन चौड़ा और पाँच सौ योजन ऊँचा है । इस कूट पर नीलक देव रहता है । हरिवंशपुराण - 5.701-702