श्वपाकी
From जैनकोष
मातंग जाति के विद्याधरों का एक निकाय । ये विद्याधर पीत केशधारी, तप्तस्वर्णाभूषणों से युक्त होकर स्वपाकी विद्या-स्तंभों का आश्रय लेकर बैठते हैं । हरिवंशपुराण - 26.19
मातंग जाति के विद्याधरों का एक निकाय । ये विद्याधर पीत केशधारी, तप्तस्वर्णाभूषणों से युक्त होकर स्वपाकी विद्या-स्तंभों का आश्रय लेकर बैठते हैं । हरिवंशपुराण - 26.19