रयणसार
From जैनकोष
आचार्य कुन्दकुन्द (ई. १२७-१७९) कृत आचरण-विषयक १६७ प्राकृत गाथाओं में निबद्ध ग्रन्थ है । इस पर कोई टीका उपलब्ध नहीं है । (ती./२/११५)।
आचार्य कुन्दकुन्द (ई. १२७-१७९) कृत आचरण-विषयक १६७ प्राकृत गाथाओं में निबद्ध ग्रन्थ है । इस पर कोई टीका उपलब्ध नहीं है । (ती./२/११५)।