सिद्धशिला
From जैनकोष
नेमिनाथ के समय में राजगृहनगर की इस नाम की एक शिला । तीर्थंकर गिरिनार पर्वत पर भी इंद्र द्वारा वज्र से उकेरकर ऐसी शिला निर्मित की गयी थी । ऐसी ही एक सम्मेदशिखर पर भी थी जिस पर तपस्या करके बीस तीर्थंकर मोक्ष गये । महापुराण 54.269-273, हरिवंशपुराण - 60.36-37, 65.14