सुप्रबुद्धा
From जैनकोष
(1) रुचकगिरि के तीसरे मंदरकूट पर रहने वाली एक दिक्कुमारी देवी। हरिवंशपुराण - 5.708
(2) नंदीश्वर द्वीप की पश्चिम दिशा संबंधी अजनगिरि की दक्षिण दिशा में स्थित एक वापी। हरिवंशपुराण - 5.662
(3) साकेत नगर के राजा अरिंजय के पुत्र अरिंदम और उनकी श्रीमती रानी की पुत्री। इसने प्रियदर्शना आर्यिका से दीक्षा ले ली थी। आयु के अंत में सौधर्म इंद्र की यह मणिचूला नाम की देवी हुई। महापुराण 72.25, 34-36