राजीमति
From जैनकोष
भोजवंशियों की राजपुत्री थी। नेमिनाथ भगवान् के लिए निश्चित की गयी थी। (ह. पु./५५/७२)। विवाह के दिवस ही नेमिनाथ भगवान् की दीक्षा पर अत्यन्त दुःखी हुई तथा स्वयं भी दीक्षा ग्रहण कर ली। (ह. पु./५/१३०-१४४)। अन्त में सोलहवें स्वर्ग में देव हुई ।