रामदत्त
From जैनकोष
म. पु./५९ श्लोक; पोदनपुर के राजा पूर्णचन्द की पुत्री थी (२१०) पति सिंहसेन की मृत्यु से व्याकुलित हो दीक्षा ग्रहण कर ली (२०२) अन्त में मरकर महाशुक्र स्वर्ग में देव हुई (२२५-२२६) यह मेरुगणधर का पूर्व का नवाँ भव है−दे. मेरु।
म. पु./५९ श्लोक; पोदनपुर के राजा पूर्णचन्द की पुत्री थी (२१०) पति सिंहसेन की मृत्यु से व्याकुलित हो दीक्षा ग्रहण कर ली (२०२) अन्त में मरकर महाशुक्र स्वर्ग में देव हुई (२२५-२२६) यह मेरुगणधर का पूर्व का नवाँ भव है−दे. मेरु।