संग्रहग्राम
From जैनकोष
(1) दस ग्रामों का मध्यवर्ती ग्राम । यहाँ सुरक्षार्थ वस्तुओं का संग्रह किया जाता है । महापुराण 16.176
(2) एक नय । अनेक भेदों और पर्यायों से युक्त पदार्थ को एकरूपता देकर ग्रहण करना संग्रहनय कहलाता है । हरिवंशपुराण - 58.41, 44