संघाट
From जैनकोष
वंशा-दूसरी नरकभूमि के छठे प्रस्तार का इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ चौबीस और विदिशाओं में एक सौ बीस कुल दो सौ चवालीस श्रेणिबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण - 4.78,110
वंशा-दूसरी नरकभूमि के छठे प्रस्तार का इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ चौबीस और विदिशाओं में एक सौ बीस कुल दो सौ चवालीस श्रेणिबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण - 4.78,110