स्तनित
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
पुराणकोष से
भवनवासी देवों का एक भेद । ये तीर्थंकर की समवसरण भूमि के चारों और विद्युन्माला आदि से युक्त होकर गंधोदकमय वर्षा करते हैं । इनका मूल आवास पाताललोक है । हरिवंशपुराण - 3.23, 4.63, 65, वीरवर्द्धमान चरित्र 19. 70