स्थालक
From जैनकोष
विजयार्ध पर्वत का एक नगर । इस नगर के राजा अमितवेग की पुत्री मणिमती को विद्या की सिद्धि में मग्न देखकर रावण उस पर मोहित हो गया था । उसने मणिमती की विद्या हर ली थी । उसकी विद्या-सिद्धि में विश्व डाला था अत मणिमती ने आगामी भव में रावण की पुत्री होकर उसके वध का निदान किया था । महापुराण 68.12-19