रुक्मणिव्रत
From जैनकोष
प्रतिवर्ष भाद्रपद शु. ७ को एकाशन ८ को उपवास, ९ को पारणा, १० को उपवास, ११ को पारणा, १२ को उपवास, १३ को पारणा, १४ को उपवास, १५ को पारणा करे। इसे ८ वर्ष पर्यन्त करे तथा नमस्कार मन्त्र की त्रिकाल जाप्य करे। (व्रतविधान सं./पु. ९४)। रुक्मपात्रांकित तीर्थमंडलयंत्र−दे. यन्त्र। रुक्मपात्रांकित वरुणमंडलयंत्र−दे. यन्त्रं रुक्मपात्रांकित व्रजमंडलयंत्र−दे. यन्त्र।