अरिकेसरी
From जैनकोष
आप चालुक्यवंशी राजा थे। इनका पुत्र `वद्दिग' था जो कृष्णराज तृतीय के आधीन था। तदनुसार इनका समय वि.९९८ (ई.९४९-९७४) आता है। इनके समयमें कन्नड़ और जैन कवि `पम्प; ने `विक्रमार्जन विजय' नामका ग्रन्थ लिखकर पूरा किया था।
(यशस्तिलक चम्पू/प्र.२०/-पं. सुन्दरलाल)