जीविताशंसा
From जैनकोष
सल्लेखना के पाँच अतिचारों में प्रथम अतिचार यह सल्लेखना ले लेने के बाद अधिक समय तक जीवित रहने की आकांक्षा से होती है । हरिवंशपुराण - 58.184
सल्लेखना के पाँच अतिचारों में प्रथम अतिचार यह सल्लेखना ले लेने के बाद अधिक समय तक जीवित रहने की आकांक्षा से होती है । हरिवंशपुराण - 58.184