समाधान
From जैनकोष
महापुराण/21/226 यत्सम्यक् परिणामेषु चित्तस्याधानमंजसा। स समाधिरिति ज्ञेय: स्मृतिर्वा परमेष्ठिनाम् ।226।उत्तम परिणामों में जो चित्त का स्थिर रखना है वही यथार्थ में समाधि या समाधान है अथवा पंच परमेष्ठियों के स्मरण को समाधि कहते हैं।
उत्तम परिणामों में चित्त का स्थिर रखना समाधान है। - देखें समाधि - 1।