सर्वभद्र
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
यक्ष जाति के व्यंतर देवों का एक भेद। -देखें यक्ष ।
पुराणकोष से
इस नाम का एक उपवास । विनयश्री इस उपवास के फलस्वरूप सौधर्मेंद्र की देवी हुई थी । हरिवंशपुराण - 60.92 देखें सर्वतोभद्र
यक्ष जाति के व्यंतर देवों का एक भेद। -देखें यक्ष ।
इस नाम का एक उपवास । विनयश्री इस उपवास के फलस्वरूप सौधर्मेंद्र की देवी हुई थी । हरिवंशपुराण - 60.92 देखें सर्वतोभद्र