अर्थ संदृष्टि
From जैनकोष
आ नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती (इ.६६३-७१३) कृत गोमट्टसार, लब्धिसार व क्षपणसार इन तीनों ग्रन्थोंमें प्रयुक्त गणितके आधारपर पं. टोडरमल्लने तीनों सम्बन्धी तीन अर्थ संदृष्टियाँ रची हैं। समय-लगभग वि. १८१४ ई.१७५७
(तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा, पृष्ठ संख्या ४/८८६)।