स्फटिकप्रभ
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
कुंडल पर्वतस्थ एक कूट-देखें लोक - 5.12।
पुराणकोष से
कुंडलगिरि की उत्तरदिशा का कूट-विशालाक्ष देव का आवास । हरिवंशपुराण - 5.694
कुंडल पर्वतस्थ एक कूट-देखें लोक - 5.12।
कुंडलगिरि की उत्तरदिशा का कूट-विशालाक्ष देव का आवास । हरिवंशपुराण - 5.694