वर्षधर
From जैनकोष
स.सि./३/११/२१४/११ वर्षविभागहेतुत्वाद्वर्षधरपर्वता इत्युच्यन्ते । = हिमवान् आदि पर्वतों के कारण क्षेत्रों का विभाग होता है, इसलिए इन्हें वर्षधर पर्वत कहते हैं । - (विशेष दे. लोक/३/४) ।
द्र.सं./टी./३५/१२१/१ वर्षधरपर्वताः सीमापर्वता इत्यर्थः । = पर्वत का अर्थ यहाँ वर्षधरपर्वत अथवा सीमापर्वत है ।