GP:प्रवचनसार - गाथा 133-134 - अर्थ
From जैनकोष
आकाश का अवगाह, धर्म द्रव्य का गमनहेतुत्व, अधर्म द्रव्य का स्थिति हेतुत्व, काल का गुण वर्तना और आत्मा का गुण उपयोग कहा गया है; इसप्रकार संक्षेप से अमूर्तद्रव्यों के गुण जानना चाहिये ।
आकाश का अवगाह, धर्म द्रव्य का गमनहेतुत्व, अधर्म द्रव्य का स्थिति हेतुत्व, काल का गुण वर्तना और आत्मा का गुण उपयोग कहा गया है; इसप्रकार संक्षेप से अमूर्तद्रव्यों के गुण जानना चाहिये ।