वसुनंदि
From जैनकोष
- नन्दिसंघ बलात्कार गण की गुर्वावली के अनुसार आप सिंहनन्दिके के शिष्य तथा वीरनन्दि के गुरु थे। समय - विक्रम शक सं.५२५-५३१ (ई.६०३-६०९) (दे. इतिहास/७/२)।
- नन्दिसंघ के देशीयगण की गुर्वाबली के अनुसार देवेन्द्राचार्य के शिष्य और सर्वचन्द्र के गुरु थे। समय - वि.९५०-९८० (ई.८९३-९२३)। - दे. इतिहास/७/५
- नन्दिसंघ देशीयगण के आचार्य। अपर नाम जयसेन। गुरु परम्परा-श्रीनन्दि, नयनन्दि (वि.११००)। नेमिचन्द्र सैद्धान्तिक, वसुनब्दि । कृतियें - श्रावकाचार, प्रतिष्ठासार संग्रह, मूलाचार वृत्ति, वस्तु विद्या, जिनशतक, आप्त मीमांस वृत्ति । समय - लगभग वि.११५० (ई.१०६८-१११८)। (ती./३/२२३, २२६), (दे.इतिहास/७/५)।