GP:प्रवचनसार - गाथा 224.6 - अर्थ
From जैनकोष
स्त्रियों के चित्त में चंचलता और उनमें शिथिलता होती है, तथा अचानक (ऋतु समय में) रक्त प्रवाहित होता है और उनमें सूक्ष्म मनुष्यों की उत्पत्ति होती है ॥२४९॥
स्त्रियों के चित्त में चंचलता और उनमें शिथिलता होती है, तथा अचानक (ऋतु समय में) रक्त प्रवाहित होता है और उनमें सूक्ष्म मनुष्यों की उत्पत्ति होती है ॥२४९॥