GP:प्रवचनसार - गाथा 95 - अर्थ
From जैनकोष
जो स्वभाव को छोड़े बिना उत्पाद-व्यय-धौव्य संयुक्त तथा गुणयुक्त और पर्याय सहित है, वह द्रव्य है -- ऐसा जिनेन्द्र भगवान कहते हैं ।
जो स्वभाव को छोड़े बिना उत्पाद-व्यय-धौव्य संयुक्त तथा गुणयुक्त और पर्याय सहित है, वह द्रव्य है -- ऐसा जिनेन्द्र भगवान कहते हैं ।