विप्रतिपत्ति
From जैनकोष
न्या.सू./भा./२/१/७/५८/२० न वृत्तिः समानेऽधिकरणे व्याहतार्थौ प्रवादौ विप्रतिपत्तिशब्दस्यार्थः। = एक वस्तु में परस्पर विरोधी दो वादों का नाम ‘विप्रतिपत्ति’ है। [अथवा विपरीत निश्चय का नाम विप्रतिपत्ति है ।]
न्या.सू./भा./२/१/७/५८/२० न वृत्तिः समानेऽधिकरणे व्याहतार्थौ प्रवादौ विप्रतिपत्तिशब्दस्यार्थः। = एक वस्तु में परस्पर विरोधी दो वादों का नाम ‘विप्रतिपत्ति’ है। [अथवा विपरीत निश्चय का नाम विप्रतिपत्ति है ।]