विमल सूरि
From जैनकोष
विजय सूरि के शिष्य और आ. राहू के प्रशिष्य यापनीय संघी। प्राकृत काव्य रचना में अग्रगण्य। कृतियें पउमचरियं, हरिवंश चरियं। समय–पउमचरियं का रचनाकाल ग्रन्थ की प्रशस्ति के अनुसार ई. श. १ (ई. ३४), परन्तु जैकोवी के अनुसार ई. श. ४। (ती./२/२५७)।