वृषभसेन
From जैनकोष
म.पु./सर्ग/श्लो.पूर्वभव नं. ७ में पूर्वविदेह में प्रीतिवर्धन राजा का सेनापति । (८/२११); पूर्वभव नं. ६ में उत्तरकुरु में मनुष्य । (८/२१२) । पूर्वभव नं. ५ में ऐशान स्वर्ग में प्रभाकर नाम का देव । (८/२१४); पूर्वभव नं. ४ में अकम्पनसेनिक । (८/२१६) । पूर्वभव नं. ३ में अधोग्रैवेयक में अहमिन्द्र । (९/९०, ९२); पूर्वभव नं. २ में राजा वज्रसेन का पुत्र ‘पीठ’ । (११/१३) । पूर्वभव नं. १ में सर्वार्थसिद्धि में अहमिन्द्र । (११/१६०) । वर्तमान भव में ॠषभदेव का पुत्र भरत का छोटा भाई । (१६/२) । युगपत् सर्व भव-४७/३६७-३६९ । पुरिमताल नगर का राजा था । भगवान् ॠषभदेव के प्रथम गणधर हुए । (२४/१७१) । अन्त में मोक्ष सिधारे । (४७/३९९) ।