यक्षलिक
From जैनकोष
ह. पु./३३/श्लोक मलयदेश में यक्षदत्त का पुत्र था। एक बार एक सर्पिणी को गाड़ी के पहिये के नीचे दबाकर मार दिया। (१५९-१६०)। यह श्रीकृष्ण का पूर्व का तीसरा भव है।−देखें - कृष्ण।
ह. पु./३३/श्लोक मलयदेश में यक्षदत्त का पुत्र था। एक बार एक सर्पिणी को गाड़ी के पहिये के नीचे दबाकर मार दिया। (१५९-१६०)। यह श्रीकृष्ण का पूर्व का तीसरा भव है।−देखें - कृष्ण।