विजयार्ध
From जैनकोष
- रा.वा./३/१०/४/१७१/१६ चक्रभृद्विजयार्धकरत्वाद्विजयार्ध इति गुणतः कृताभिधानो। = चक्रवर्ती के विजयक्षेत्र की आधी सीमा इस पर्वत से निर्धरित होती है, अतः इसे विजयार्ध कहते हैं। (विशेष देखें - लोक / ३ -७)।
- विजयार्ध पर्वत का एक कूट व उसका स्वामी देव।– देखें - लोक / ५ / ४ ।