पद्मगुल्म
From जैनकोष
म.पु./५६/श्लोक विदेह क्षेत्रस्थ वत्स देश की सुसीमा नगरी के राजा थे (२-३)। चन्दन नामक पुत्र को राज्य देकर दीक्षा धारण कर ली (१५-१६)। विपाकसूत्र तक सब अंगों का अध्ययन किया तथा चिरकाल तक घोर तपश्चरण कर तीर्थकर प्रकृति का बन्ध किया। तत्प श्चातत् आरण स्वयर्ग में देव हुआ (120-18)। श्हन शीतलनाथ भगवान् का पूर्व भव है—देखें - तीर्थंकर।